नैतिक शिक्षा यह नैतिक शिक्षा है? Purano ke anusaar Moral shiksha Morality Education.
नैतिक शिक्षा से आप लोग अवश्य ही अवगत होंगे यह हर एक मनुष्य के लिए छात्रों के लिए उपयोगी है इसका अपने जीवन में पालन अवश्य करना चाहिए अब यह शिक्षा खास करके यह इसके अंदर बहुत सारे विषय आ जाते हैं बहुत सारे ऐसे कर्तव्य कर्म आते हैं जिसको हमें जानना चाहिए बात तो सभी कर लेते हैं कि हां यह मोरल शिक्षा नैतिक शिक्षा होती है लेकिन इसके बारे में इसको गहराई से सब कोई नहीं जानते ऊपर ऊपर की बातें तो सब कर देते हैं हम इसके अंदर क्या-क्या करनी है कर्म है उसके बारे में जानेंगे इसका वर्णन पदम पुराण के स्वर्ग खंड के अध्याय 91 में है,
दुनिया में आज बात होती है नैतिक शिक्षा बात तो सभी करते हैं लेकिन असल में उसको शुद्ध रूप से अनुपालन कौन करते हैं हम देखेंगे हमारे साहित्य आखिर कहते क्या है अब यह जो शिक्षाएं है वह एक छात्र भी हो एक इंसान भी हो और वह कोई भी हो हमारे शास्त्रों मैं मानने वाला हो या नहीं भी हो उसके लिए भी यह जरूरी है कि वह इन सब कर्मों को देखे माने और इन कर्मों पर चले अगर इन पर वह चलता है इनको मानता है तो एक उच्च चरित्र वाला मनुष्य बनेगा,
१, Hinsa na kare हिंसा न करे
शास्त्र क्या कहते है तो यहां व्यास जी कहते हैं किसी प्राणी की हिंसा ना करें देखे यहां पर पहला ही जो शब्द आया है जो बचन आया है यहां पर बता रहे हैं कि हिंसा ना करें अब यहां पर कहां जा रहा है किसी भी प्रकार के किसी भी की तरह की किसी भी प्रकार से किसी को दुख पहुंचाना हिंसा करना तो आप बिल्कुल ना करें,
२, Jhuth na bole,
आगे कह रहे हैं कि कभी झूठ ना बोले झूठ बोलना असत्य बोलना झूठ दिन पर बोलते रहना यह सब ठीक नहीं है जुआ चलाना है यह झूठ ना बोले यह नीति वचन है,
३, aahat na kare,
अहित करने वाला और अप्रिय बचन मुंह से ना निकालें अगर आप किसी के साथ दुर्वयवाह कर रहे हैं कोई गलत काम कर रहे हैं किसी तरह से जिसमें वह हिंसा हो रही हो या झूठ बोल रहे हैं अप्रिय वचन बोल रहे हैं मुंह से वह सब अपना करें जो कुछ कहना है आप उसको कुछ ऐसा बोल पटांग बात बोल देना मारामारी हो जाए तो यह सब आपको नहीं करनी है आपको अच्छे से बात करनी है,
४, Chori Na kare,
कभी भी चोरी ना करें यह भी आपको ध्यान रखना है कि कभी भी किसी भी स्थिति में चोरी नहीं करना है किसी दूसरे का चीज चाहे वह तीनका हो या साग हो या मिट्टी हो या जल हो या कुछ भी हो कोई भी चीज हो आपको किसी भी तरह से चोरी चोरी नहीं करनी है आगे बताया जा रहा है कि देव पूजा के लिए जो स्थान से आप फूल तोड़ने जाए वह भी उस फूल वाले के मालिक के यादव के बिना उससे पूछे बिना उसको बताएं बिना चोरी करके तोड़ कर ले कर ना भागे आप अगर चुपके से तोड़ते फूल तोड़ कर के ले जाकर देव पूजा के लिए ले जा रहे हैं वह सही नहीं माना जाएगा तो किसी भी स्थिति में कुछ भी हो चोरी से आपको बचने है यह है कि दूसरे का घास लकड़ी फल फूल कुछ भी लेते हैं अब यह चीज है दूसरे का फल फूल और लकड़ी इत्यादि मतलब ऐसी चाहिए जो धर्म कार्य के लिए ले जा रहे हैं पूजा-पाठ के लिए ले जा रहे हैं वह घास भी हो सकता है लकड़ी फल फूल दूध भी हो सकता है तो वह आप उसके मालिक को दिखा करके बता कर के ही ले जाए उसे बिना कहे ना लेकर चलते इससे आपको अब यहां कहां जा रहा है कि वह इस प्रकार नहीं करता वह गिर जाता है अब यह गिर जाने से मतलब है दोस्तों अब इसमें गिर जाना का क्या मतलब अब आप किसी का कुछ छीन ले करके ऐसे ही आप कुछ सामान है फल है कुछ भी आप उठाएं उठाकर के चलते है तो वह तो कहेगा ही कि आप जो गिरे हुए आदमी है भाई तो ऐसे लोगों को लोग कह देते हैं बहुत गिरा हुआ आदमी है यह ठीक नहीं है और इतना भी नहीं है कि किसी का कोई भी चीज ले वह बिना बोले तो यह सब चीजें आपको नहीं करनी है अब देखिए आगे कहां जा रहा है,
५, Guru Se Droh na kare,
गुरु से द्वेष ना करें अब यह खासकर के छात्रों के लिए अनुकरणीय है कि वे लोग जो गुरु होते हैं जो शिक्षक उनसे झंझट ना रखें
६, Manshik
कुंठा, कुंठित विचार यह कुंठित विचार जो है आप किसी के प्रति हर वैसा मन में एक उल्टा पाले हुए हैं बिना मतलब के अब अगले वाले आदमी आपके प्रति गलत सोच है गलत कर्म करता है नहीं और आप ऐसे ही कुंठा पाले हुए हैं यह सब भी आपको नहीं करना है और
७, Asatya Vachan, Stri Sangam bhog Vilash
असत्य भाषण पर स्त्री संगम यह सब आपको नहीं करना है का कारण किसी से बैर ना करें अगर आप किसी से आकारणी मार झगड़ा कर रहे हैं यह ठीक नहीं है अब किसी से भी बिना कारण आप जाकर के अब झगड़ा झंझट पाल लेंगे तो वह तो कहीं से लेकर कहीं तक सही नहीं माना जाएगा से विवाद होगा विवाद से आपको दूर रहना है किसी के चुगली नहीं करना है,
८, Ahinsa Ka Palan kare,
जो घास चरते हुए जो पशु है आप कदापि ना मारे उसके साथ मारामारी नहीं करना उसको भगा दीजिए हटा दीजिए लेकिन उसको मारिए मत और पशु को क्या पता है कि वह खेत में क्या लगा है कौन सा फसल लगा है वह तो खाने जा रहा है उसको पिटना सही नहीं है किसी भी पशु पर हिंसा करना ठीक नहीं है आगे कहां गया जो
९, Tark Vichar kare
बुद्धिमान पुरुष है वह अपना शुभ अशुभ विचार करके ही कोई कार्य करें पुरुष शुभ अशुभ विचार करने का क्या मतलब हुआ कि आपको अपने बुद्धि का प्रयोग करके ही कोई काम करना है आगे पीछे सोचना है अपना अच्छा वाला सोचना है दूसरे को फायदा होगा कि नहीं होगा आपको होगा कि नहीं होगा अब ऐसे आंख बंद करके कुछ भी नहीं करना है सोच विचार कर लेना है कि यह सही है कि नहीं है
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